जगदलपुर से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है भारत के विशाल जलप्रपातों में एक चित्रकोट।

लगभग 100 फीट की उँचायी से गिरती हुई इन्द्रावती नदी विहंगम दृश्य उत्पन्न करती है। यह जलप्रपात नियाग्रा जलप्रपात का छोटा रूप कहा जाता है।



गाईड के निर्देशों का पालन करते हुए एक बार आप गहरे उतरे नहीं कि ज्ञान और सौदर्य के द्वार आपके लिये खुल जाते हैं। चूनापत्थर ने (लाईम स्टोन) पानी के साथ क्रिया करने के बाद गुफा की दरारों से रिस रिस कर स्टेलेक्टाईट अथवा आश्चुताश्म (दीवार से नीचे की ओर लटकी चूना पत्थर की रचना: छत से रिसता हुवा जल धीरे-धीरे टपकता रहता हैं। इस जल में अनेक पदार्थ घुले रहते हैं। अधिक ताप के कारण वाष्पीकरण होने पर जल सूखने लगता हैं तथा गुफा की छत पर पदार्थों जमा होने लगता हैं । इस निक्षेप की आक्र्ति परले स्तंभ की तरह होती हैं जो छत से नीचे फर्श की ओर विकसित होते हैं)
- - आपकी कुहू।
प्रस्तुति : *** राजीव रंजन प्रसाद
6 comments:
बहुत प्यारी सी कुहू बिटिया के साथ बस्तर का भ्रमण बहुत शानदार रहा...जल प्रपात और गुफा के दृश्य अद्भुत थे.....कुहू अपने पापा से पूछू की वो तुमको खोपोली लेकर कब आयेंगे...क्यूँ की यहाँ भी ऐसे अजूबे खूब हैं...
नीरज
achcha vivran aur jaandaar photographs
जितना खूबसूरत विवरण, उतनी ही खूबसूरत तस्वीरें. अच्छा लगा.
badhiya likha,chitra b hi achhe hain,khaaskar kuhoo
शुभकामनाएं पूरे देश और दुनिया को
उनको भी इनको भी आपको भी दोस्तों
स्वतन्त्रता दिवस मुबारक हो
Chitrakot me neeche ja kar naha kar ooper aao to banda pasina-pasina.
badiya chadai hai
aaj to main yeh post dekh kar
ghar par hi naha liya...
wah bhai wah
sunder chitran
mohak chitran
स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाएं! वंदे मातरम!
बहुत सुंदर आलेख है. चित्रों से इसकी उपयोगिता बढ़ गयी है.
कुहू को आशीष.
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