Tuesday, September 2, 2008
प्रवीण पंडित अंकल की कविता, कुहू के लिये - डॉक्टर चूं चूं
आती है एक चिड़िया रोज़
गाती है एक चिड़िया रोज़
प्यार कुहू को करती है
कुछ सुनती, कुछ कहती है
दाना खूब चबाती है
चाकलेट नहीं खाती है
कुहू हुई नाराज़ बहुत
चिड़िया से ना बोले अब
मम्मी से भी कहती है
चिड़िया क्यों नही सुनती है
चूं चूं शोर मचाती है
चाकलेट नहीं खाती है
मम्मी बोलीं ,कुहू सुनो
चिड़िया से खुद बात करो
यूं नाराज़ नहीं रहना
चिड़िया से जाकर कहना
क्यों तुम मुझे रुलाती हो
चाकलेट नहीं खाती हो
चिड़िया आई कुहू के पास
बोली कुहू! ना रहो उदास
तुम हो मेरी फ़्रेंड कुहू
पर मैं हूं डाक्टर चूं चूं
चाकी ज़्यादा खाएंगे
दांत सभी गिर जाएंगे
तुम भी ज़्यादा मत खाना
डाक्टर का मानो कहना
फ़्रेंड का तुम मानो कहना
चूं चूं का मानो कहना
- प्रवीण पंडित
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14 comments:
par kabhi kabhi to khaa sakate he.. enjoy..
"hi kuhu loved reading sweat poetry, but tell u frankly i cant stop taking chocklate han, ha ha ha . colourful pic of bird is very eye catching "
Love ya
achhi kavita praveen ji ki...
ranjan ji ki baat bhi theek...
chlo chhoro nirnay kuhu par hi chhorte hain
aajkal ke bachhe nirnay lene me saksham hain
वाह भाई वाह...अब तो आप पर नज़र भी रखनी होगी....ना जाने कब चिडिया बने और उड़ जाएँ....!!अच्छी है भाई...अच्छी है....!!
बहुत ही सच्ची रचना है
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाए |
इश्वर हम सभी को अपने कर्तव्यों का पालन करने की शक्ति प्रदान करे .....
इस कोने को भी आबाद रखें।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बच्चे निसंदेह फ़रिश्ता होते हैं.आपने बहुत अच्छा संसार रचा है.हमने भी अपने बच्चों के बहाने इन मासूमों के लिए एक दुनिया बनाने की कोशिश की है.आपका स्वागत है!
रंगारंग उत्सव पर आपको हार्दिक शुभकामनायें !
आती है एक चिड़िया रोज़
गाती है एक चिड़िया रोज़
प्यार कुहू को करती है
कुछ सुनती, कुछ कहती है
दाना खूब चबाती है
चाकलेट नहीं खाती है
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
चर्चा में आज नई पुरानी हलचल
आपकी चर्चा
beautiful!
बहुत अच्छी और सटीक सीख देती रचना ...
आपने काफी बढ़िया पोस्ट लिखी है आप एक बार हमारे ब्लॉग पर भी विजिट करें online hindi book
Kya Hai Kaise
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